विदेशी ब्रह्मिनो की कितनी बात मानते हो ?
विदेशी ब्रह्मिनो ने कहा गौतम बुद्ध उनके ब्राह्मण धर्म के मुताबिक उनके ब्राह्मण धर्म के एक देवता विष्णु जो की चारित्र्य हिन् और बलात्कारी देखा जाता है उसका अवतार है। क्या ये बात आप मानते है ?
विदेशी ब्रह्मिनो ने कहा बुद्ध की माँ के कोख में हाथी समां गया और वो सिद्धार्थ के रूप में जन्मा , क्या आत्मा हठी के रूप में होता है ये बात आप मानते क्या ?
सिद्धार्थ जन्म लेते ही तीन कदम चले , क्या ये बात आप मानते हो जब की नव जन्मे बच्चे रेंगते तक नहीं।
विदेशी ब्राह्मण कल कहेंगे बौद्ध धर्म में जाती वर्ण है , बुद्ध क्षत्रिय थे , कौशलायन ब्राह्मण थे , आंबेडकर महार थे आदि क्या ये बात ब्राह्मण कहेंगे तो मान लेंगे ?
हम बार बार कह रहे है विदेशी ब्राह्मण धर्म अलग है , नेटिव हिन्दू धर्म अलग है। विदेशी ब्राह्मण धर्म का धर्म ग्रन्थ है वेद और कानून है मनुस्मृति। नेटिव हिन्दू धर्म का धर्म ग्रन्थ है बीजक और कानून है हिन्दू कोड बिल। वेद, भेद , वर्ण ,जाती , ऊंचनीच ,अस्पृश्यता विदेशी ब्राह्मण धर्म के धर्म के किताबो में है , वह नेटिव हिन्दू धर्म के धरोमो के किताबो में नहीं नाही कोई नेटिव हिन्दू धर्म का साधु , संत उसे मान्यता देता है।
इतनी छोटीसी बात कुछ लोगो के समाज में नहीं आती तो हम क्या कर सकते है। आप स्वतंत्र है , जो आप को ठीक लगे मानो पर हमनहि मानते है हिन्दू धर्म या बुद्ध धर्म में वर्ण , जाती , भेदभाव है। जो है कहते है वे ब्राह्मण धर्म को मजबूत करने का ही काम कर रहे है चाहे अज्ञान से ही सही।
हिन्दू धर्म , लोक धर्म है जो विदेशी ब्राह्मण इस देश पर आक्रमण करने के पहले से ही अस्तित्व में था जिसे लोग कभी भूले नहीं पर है उसमे कुछ मिलावट विदेशी ब्रह्मिनो ने करने की कोशिश की जो कभी जैन धर्म , कभी बुद्ध धर्म , सिख धर्म , वारकरी सम्प्रयदाय , रविदासिया , रामनामी आदि बन कर हिन्दू ने रोका है।
कबीरजी ने हिन्दू धर्म फिर एक बार शुद्ध रूप में अपनी वाणी बीजक में बताया और डॉ. आंबेडकर ने हिन्दू धर्म का कानून हिन्दू कोड बिल दिया यही हिन्दू धर्म है , कोई बताये इन किताबो में इन पवित्र ग्रंथो में कहाvarn और जाती को मान्यता दी है , अस्पृश्यता मानी है। पर है इस देश में आज भी विदेशी ब्राह्मण जो करीब करीब ३ प्रतिशत है उनका ब्राह्मण धर्म , उनका वेद , उनका मनुस्मृति को ही ब्राह्मण धर्म मानते है।
इन विदेशी ब्रह्मिनो का , उनके ब्राह्मण धर्म का हमक्या करे ये आज महत्वपूर्ण सवाल है। उस पे कुछ कहे तो बड़ी मेहेरबानी होगी और ब्राह्मण धर्म हिन्दू धर्म नहीं ये माने तो साधुवाद होगा !
नेटिविस्ट d.d.raut
विदेशी ब्रह्मिनो ने कहा गौतम बुद्ध उनके ब्राह्मण धर्म के मुताबिक उनके ब्राह्मण धर्म के एक देवता विष्णु जो की चारित्र्य हिन् और बलात्कारी देखा जाता है उसका अवतार है। क्या ये बात आप मानते है ?
विदेशी ब्रह्मिनो ने कहा बुद्ध की माँ के कोख में हाथी समां गया और वो सिद्धार्थ के रूप में जन्मा , क्या आत्मा हठी के रूप में होता है ये बात आप मानते क्या ?
सिद्धार्थ जन्म लेते ही तीन कदम चले , क्या ये बात आप मानते हो जब की नव जन्मे बच्चे रेंगते तक नहीं।
विदेशी ब्राह्मण कल कहेंगे बौद्ध धर्म में जाती वर्ण है , बुद्ध क्षत्रिय थे , कौशलायन ब्राह्मण थे , आंबेडकर महार थे आदि क्या ये बात ब्राह्मण कहेंगे तो मान लेंगे ?
हम बार बार कह रहे है विदेशी ब्राह्मण धर्म अलग है , नेटिव हिन्दू धर्म अलग है। विदेशी ब्राह्मण धर्म का धर्म ग्रन्थ है वेद और कानून है मनुस्मृति। नेटिव हिन्दू धर्म का धर्म ग्रन्थ है बीजक और कानून है हिन्दू कोड बिल। वेद, भेद , वर्ण ,जाती , ऊंचनीच ,अस्पृश्यता विदेशी ब्राह्मण धर्म के धर्म के किताबो में है , वह नेटिव हिन्दू धर्म के धरोमो के किताबो में नहीं नाही कोई नेटिव हिन्दू धर्म का साधु , संत उसे मान्यता देता है।
इतनी छोटीसी बात कुछ लोगो के समाज में नहीं आती तो हम क्या कर सकते है। आप स्वतंत्र है , जो आप को ठीक लगे मानो पर हमनहि मानते है हिन्दू धर्म या बुद्ध धर्म में वर्ण , जाती , भेदभाव है। जो है कहते है वे ब्राह्मण धर्म को मजबूत करने का ही काम कर रहे है चाहे अज्ञान से ही सही।
हिन्दू धर्म , लोक धर्म है जो विदेशी ब्राह्मण इस देश पर आक्रमण करने के पहले से ही अस्तित्व में था जिसे लोग कभी भूले नहीं पर है उसमे कुछ मिलावट विदेशी ब्रह्मिनो ने करने की कोशिश की जो कभी जैन धर्म , कभी बुद्ध धर्म , सिख धर्म , वारकरी सम्प्रयदाय , रविदासिया , रामनामी आदि बन कर हिन्दू ने रोका है।
कबीरजी ने हिन्दू धर्म फिर एक बार शुद्ध रूप में अपनी वाणी बीजक में बताया और डॉ. आंबेडकर ने हिन्दू धर्म का कानून हिन्दू कोड बिल दिया यही हिन्दू धर्म है , कोई बताये इन किताबो में इन पवित्र ग्रंथो में कहाvarn और जाती को मान्यता दी है , अस्पृश्यता मानी है। पर है इस देश में आज भी विदेशी ब्राह्मण जो करीब करीब ३ प्रतिशत है उनका ब्राह्मण धर्म , उनका वेद , उनका मनुस्मृति को ही ब्राह्मण धर्म मानते है।
इन विदेशी ब्रह्मिनो का , उनके ब्राह्मण धर्म का हमक्या करे ये आज महत्वपूर्ण सवाल है। उस पे कुछ कहे तो बड़ी मेहेरबानी होगी और ब्राह्मण धर्म हिन्दू धर्म नहीं ये माने तो साधुवाद होगा !
नेटिविस्ट d.d.raut
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