हम है हिन्दू , हम है नेटिव ;

ईरानी , अरब , अफगानी , ग्रीक लोगो ने विदेशी ब्रह्मिनो को हिन्दू नहीं बल्कि बम्मन , पंडत  के नाम से ही जाना है , फुकारा है ब्रह्मिनो को ेउन्हो ने कभी हिंदुस्तानी , हिन्दू , हिन्दू धर्मी नहीं माना।  खुद ब्राह्मण भी कहते रहे है वे विदेशी है , ब्राह्मण है , ब्राह्मण धर्मी है।  तब हिन्दू किसे कहा गया ? हिंदुस्तानी लोगो को जो गैर ब्राह्मण है , नेटिव है।  इनके धर्म को हिन्दू धर्म कहा गया।  काम से काम १३०० साल इस देश को हिंदुस्तान कहा गया।  १८५७ की जंग हिंदुस्तान के बादशाह , जफ़र शाह के नेतृत्व में लढा गया ,गर विदेशी ब्रिटिश हर जाते तो आगे भी बहादुर शाह का राज होता और वो हिंदुस्तान का सम्राट।  उस समय जब अंग्रेजो से जंग लड़ी जा रही थी तब भी लड़ने वाले लोगो  का नारा था हिंदुस्तान की जय , जय हिन्द।

हिन्दू मतलब गैर ब्राह्मण , हिंदुस्तान मतलब गैर ब्राह्मण लोगो का देश।  हिन्दू में ९७ पैर सेण्ट लोग कंसोलिडेट हुवे है।  हम यहाँ धर्म की बात नहीं करते।  हिन्दू में जैन है , सिख है , मुस्लिम है , क्रिसीटीएन है , बुद्धिस्ट है और हिन्दू भी  है।

हिन्दू कोई गाली नहीं मतलब चोर , नीच नहीं।  वो तो लोगो का काम है कहना , कहने दो , हम नॉन ब्राह्मण ऐसी नाम से ताकत बन उभर सकते है , यतीत में ताकत बन कर रहे है।  वर्ण , जाती , हिन्दू धर्म नहीं , ना ही वो इस देश के देन है , वह तो विदेशी ब्राह्मण धर्म है , विदेशी ब्राह्मण की दें है , हम क्यों माने ? हम हिन्दू बन कर , रह कर उनसे लड़ सकते है यही उनकी परेशानी है  तभी वो आज कहने लगे है हिन्दू जीवन पद्धति है।  हमारी जीवन पद्धति जनेऊ , होम हवं , भेदभाव , वेद और भेद , मनुस्मृति कभी नहीं हो सकती , हम ऐसे जीवन पद्धति मान  कर अपनहि अनादर क्यों करे ?

आवो गर्व से कहो हम हिन्दू है , हिंदुस्तानी है , नेटिव है।
आवो नेटिव रूल लाये , विदेशी ब्राह्मण भगाये !

नेटिविस्ट डी.डी.राउत ,
अध्यक्ष
नेटिव रूल मूवमेंट   

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